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27) डिजर्ट सफारी की यात्रा ( दुबई डायरी )( यादों के झरोके से )



शीर्षक = डिजर्ट सफारी की यात्रा




बचपन और उससे जुड़े किस्सों की यादों को भूल पाना मुमकिन ही नही ना मुमकिन सा है , इस प्रतियोगिता के माध्यम से एक बार फिर अपने बचपन के भूले बिसरे दिनों की याद ताज़ा हो गयी , बहुत कुछ था जिन पर वक़्त की धुल जम गयी थी लेकिन दिमाग़ पर ज़ोर डाला तो सब आयने की तरह साफ हो गया 


अब सब कुछ बचपन के दिनों के बारे में तो नही बता सकता, आप सब भी समझेंगे की ये केसा इंसान है  जो पिछली यादों से बाहर ही निकल रहा, वही बचपन वही अटखेलिया उन्ही के बारे में लिखता जा रहा है


इसलिए आप सब का ध्यान बचपन की यादों से हटा कर अब वर्तमान में लेकर आता हूँ, वर्तमान से मतलब इस बात से है की हाल ही के गुज़रे चंद सालों की यादें यानी की 2019 से लेकर  जाने वाली 2022 तक की यादें


जैसा की आप सब को पता ही है, की मैं 2019 से हिंदुस्तान से बाहर हूँ यानी की दुबई में, अपने काम के सिलसिले से जिसके चलते मैं अभी तक एक बार ही अपने घर आया था उसका वर्णन भी मैं आगे के संस्मरण में बताऊंगा तब तक इंतज़ार कीजिये


इसलिए घर से दूर गुज़ारे इन सालों के बारे में, मैं आप को बताना पसंद करूंगा अपने इस छोटे से संस्मरण के माध्यम से


2019 का अगस्त का महीना था मैं और मेरे दोस्त जिसमे से कुछ दोस्त और एक मामा का लड़का  भी शामिल था

ईद - उल - अजहा ( बडी ईद  ) की चार दिन की छुट्टियां चल रही थी, हम सब अपने बड़े भाई के रूम पर इकठ्ठा थे , हमारे बड़े भाई घर आये हुए थे , ज्यादातर तो लोग यहां छुट्टियां सौ कर ही बिताते है , क्यूंकि बहुत लोगो की नींद इन्ही छुट्टियों में पूरी होती है 

साल भर में कुछ चंद छुट्टियां ही मिलती है  दुबई में, नही तो रविवार के अलावा कोई अन्य छुट्टी नही होती पहले शुक्रवार को अवकाश होता था किन्तु 2022  से शुक्रवार का अवकाश ख़त्म कर रविवार का कर दिया है , किन्ही अंदरूनी कारणों की वजह से


हम सब भी एक साथ इकट्ठे थे , रूम पर तो अपनी छुट्टियां नही बिता सकते थे, इसलिए हम सब ने मिलकर डिजर्ट सफारी का प्लान बनाया  जो की एक तरह का मेला होता है जो की यहाँ बने सेहरा में लगाया जाता है 

जिसका अलग अलग किराया है, और अलग अलग लोग यात्रियों और सेलनियों को वहाँ पहुंचाने का काम करते है , उस डिजर्ट सफारी का एक दिन पहले ऑनलाइन टिकट बुक करना पड़ता है  जो की अलग अलग कंपनी का अलग अलग होता है , हम जिससे गए थे  उसका मूल्य शायद  40 दिरहम यानी की 800 रूपये था एक बन्दे का


जिसके अंदर  आपको मुफ्त में ऊँट पर बैठा कर सेहरा का चक्कर लगवाया जाएगा छोटा सा चाहे तो आप अपनी तस्वीरे भी बनवा सकते है 

उसके बाद अंदर जाते ही थोड़ी देर बाद स्टार्टर मिलता है जिसमे चाय, पकोड़ा होता है  उसी के अनलिमिटेड पानी मिलता है पीने को


हम सब बहुत उत्साहित थे, क्यूंकि हमने भी सिर्फ नाम सुना था  उस जगह का, हमने टिकट बुक कर लिए कुल मिलाकर हम  6-8 लोग थे 

पिक एंड ड्राप भी उन्ही कंपनी वालों की तरफ से होता है , हम लोग उनकी बताई जगह पर पहुंच गए थे , शाम के 4 बज चुके थे , दरसल वो रात में दस बजे तक ही होता है  उसके बाद सब घर आ जाते है 


हम सब बस में पहुंच गए और थोड़ी देर बाद बस चल दी हम सब बहुत खुश थे , कोई गाने बजा रहा था तो कोई तस्वीरे बना रहा था मैं भी अपने दोस्तों के साथ उस लम्हें का आंनद ले रहा था 


थोड़ी ही देर बाद हम लोग वहाँ पहुंच गए , जिसके बाद हमें एक स्कार्पियो जैसी दिखने वाली गाड़ी में बैठाया गया क्यूंकि अभी हमें और अंदर जाना था बस का काम सिर्फ हमें यही तक लाना था, क्यूंकि जिस गाड़ी में हम बैठे थे वो हमें रेत के पहाड़ो पर ले जाकर गाड़ी से कुछ स्टंट दिखाना चाहती थी जो की उस डिजर्ट सफारी का ही एक हिस्सा था


जो स्टंट वो गाड़ी दिखा रही थी वो एक जानलेवा स्टंट था , और उसमे हम सब भी बैठे थे जरा सी गलती हम सब की जान ले सकती थी , लेकिन वो बहुत अनुभवी ड्राइवर मालूम पड़ते थे  जिस वजह से उन्होंने वो स्टंट बखूबी निभाया वो स्टंट इस प्रकार था की रेत के बने टेड़े मेढे रास्तो पर गाड़ी को चलाना था , जिससे वो गाड़ी और उसमे बैठे लोग उछल जा रहे थे 


आखिर कार हम लोग वहाँ पहुंच गए जहाँ हमें पहुंचना था , चारों और रेत ही रेत और उसके बीच में बना एक लाइट से जग मगाता शहर की तरह दिखने वाला स्थान जहाँ हमें जाना था लेकिन उससे पहले हमें ऊँट की सवारी करना थी  हम सब ने बारी बारी ऊँट की सवारी की, ये मेरा पहला अनुभव था ऊँट पर बैठने का जो की बहुत शानदार था, हमने तस्वीरें बनायीं और आगे की और बढ़ चले


अंदर पहुंचने से पहले दरवाज़े पर खड़े दरबान ने हमें कहवा पिलाया ( चाय जैसा ही पदार्थ ) उसके बाद हम लोगो को निर्धारित की गयी सीट पर बैठा दिया गया


हम वहाँ बैठे उसके थोड़ी देर बाद हमें स्टार्टर ले जाने के लिए बुलाया जो की एक प्रकार का बुफ़े सिस्टम था जहाँ से हमने अपनी प्लेट में स्टार्टर लिया और आकर बैठ गए खूब सारी तस्वीरे ली


उसके कुछ देर बाद ही स्टेज पर एक लाइट से जगमगता इंसान घूमने लगा  जो देखते ही देखते अपनी रफ्तर बदलने लगा और कपडे वो पहना था  वो जलने लगे एक तरह का अरबिक म्यूजिक बज रहा था जिस पर वो घूम रहा था 

जिसके बाद एक फायर वर्क हुआ, कुछ लड़के जो की आग से खेल रहे थे  इसी के साथ साथ अन्य कई तरह की चीज़े उस डिजर्ट सफारी के माध्यम से दिखाई गयी 

उसके बाद खाने के लिए बुलाया गया जो की एक बुफ़े सिस्टम में लगा हुआ था,  सब अपनी इच्छा अनुसार ले रहे थे 

हम सब ने बहुत मजा किया उस दिन, वो लम्हा एक याद गार लम्हें की तरह था , जो की अब भी याद आने पर चेहरे पर एक मुस्कान छोड़ जाता है 

दस बजे हमें दोबारा गाड़ी लेने आ गयी और ले जाकर बस के पास छोड़ दिया, बस ने हमें जहाँ से उठाया था वही लाकर छोड़ दिया इन सब में 12 बज गए हमें घर आते आते  और हम कपडे बदल कर सौ गए  थकान की वजह से


अब आपके साथ दुबई में बिताये यादों को ही साँझा करूंगा या फिर कहे इन गुज़रे कुछ दीगर सालों की यादें ताज़ा करूंगा जब तक के लिए अलविदा


यादों के झरोखे से 

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1 Comments

Sachin dev

15-Dec-2022 06:14 PM

Lajavab

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